भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 6) | भारतीय संविधान की संरचना | Indian Constitution Part and Article

Ticker

6/recent/ticker-posts

भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 6) | भारतीय संविधान की संरचना | Indian Constitution Part and Article

भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 6) | भारतीय संविधान की संरचना |  Indian Constitution Part and Article

भारतीय संविधान के भाग एवं अनुच्छेद
Indian Constitution Part and Article

भारत का संविधान भाग VII

भाग 7--[पहली  अनुसूची के भाग ख के राज्य ।]-संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा निरसित

भाग VIII - संघ शासित प्रदेश (अनुच्छेद 239 से 242): संघ शासित प्रदेश

अनुच्छेद 239 से 242 केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासन और प्रावधानों की प्रक्रिया और दिल्ली के विशेष चरित्र को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रूप में बताता है। यह लेफ्टिनेंट गवर्नर की शक्ति का विवरण देता है। अनुच्छेद 242 को संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था।

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 239 (Article 239 ) - संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन

विवरण
  • (1) संसद द्वारा बनाई गई विधि द्वारा यथा अन्यथा उपबंधित के सिवाय, प्रत्येक संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा, और वह अपने द्वारा ऐसे पदाभिधान सहित, जो वह विनिर्दिष्ट करे, नियुक्त किए गए प्रशासक के माध्यम से उस मात्रा तक कार्य करेगा जितनी वह ठीक समझता है।
  • (2) भाग 6 में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति किसी राज्य के राज्यपाल को किसी निकटवर्ती संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक नियुक्त कर सकेगा और जहाँ कोई राज्यपाल इस प्रकार नियुक्त किया जाता है वहाँ वह ऐसे प्रशासक के रूप में अपने कृत्यों का प्रयोग अपनी मंत्रि-परिषद से स्वतंत्र रूप से करेगा।]*
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 239क  (Article 239क ) कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान-मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सॄजन-- 

(1) संसद , विधि द्वारा [4][पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र के लिए ,-
(क) उस संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के रूप में कार्य करने के लिए निर्वाचित या भागतः
नामनिर्देशित और भागतः निर्वाचित निकाय का, या
(ख) मंत्रि-परिषद् का,
या दोनों का सॄजन कर सकेगी, जिनमें से प्रत्येक का गठन, शक्तियां और कॄत्य वे होंगे जो उस विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
(2) खंड (1) में निर्दिष्ट विधि को, अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए भी नहीं समझा जाएगा कि उसमें कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है ।

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 239कक   (Article 239कक  ) दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध -

(1) संविधान (उनहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1991 के प्रारंभ से दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र (जिसे इस भाग में इसके पश्चात् राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र कहा गया है) कहा जाएगा और अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त उसके प्रशासक का पदाभिधान उप-राज्यपाल होगा ।
(2)(क) राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के लिए एक विधान सभा होगी और ऐसी विधान सभा में स्थान राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र में प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्रों में से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए सदस्यों से भरे जाएंगे ।
(ख) विधान सभा में स्थानों की कुल संख्या, अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या, राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के प्रादेशिक निर्वाचन-क्षेत्रों में विभाजन (जिसके अंतर्गत ऐसे विभाजन का आधार है) तथा विधान सभा के कार्यकरण से संबंधित सभी अन्य विषयों का विनियमन, संसद द्वारा बनाई गई विधि द्वारा किया जाएगा ।
(ग) अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 327 और अनुच्छेद 329 के उपबंध राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र, राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधान सभा और उसके सदस्यों के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे, किसी राज्य, किसी राज्य की विधान सभा और उसके सदस्यों के संबंध में लागू होते हैं तथा अनुच्छेद 326 और अनुच्छेद 329 में “समुचित विधानमंडल” के प्रति निर्देश के बारे में यह समझा जाएगा कि वह संसद के प्रति निर्देश है ।
(3)(क) इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए , विधान सभा को राज्य सूची की प्रविष्टि1, प्रविष्टि2 और प्रविष्टि18 से तथा उस सूची की प्रविष्टि64, प्रविष्टि65 और प्रविष्टि66 से, जहां तक उनका संबंध उक्त प्रविष्टि1, प्रविष्टि2 और प्रविष्टि18 से है, संबंधित विषयों से भिन्न राज्य सूची में या समवर्ती सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में, जहां तक ऐसा कोई विषय संघ राज्यक्षेत्रों को लागू है, संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी ।
(ख) उपखंड (क) की किसी बात से संघ राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए किसी भी विषय के संबंध में इस संविधान के अधीन विधि बनाने की संसद की शक्ति का अल्पीकरण नहीं होगा ।
(ग) यदि विधान सभा द्वारा किसी विषय के संबंध में बनाई गई विधि का कोई उपबंध संसद द्वारा उस विषय के संबंध में बनाई गई विधि के, चाहे वह विधान सभा द्वारा बनाई गई विधि से पहले या उसके बाद में पारित की गई हो, या किसी पूर्वतर विधि के,जो विधान सभा द्वारा बनाई गई विधि से भिन्न है, किसी उपबंध के विरुद्ध है तो, दोनों दशाओं में, यथास्थिति, संसद द्वारा बनाई गई विधि, या ऐसी पूर्वतर विधि अभिभावी होगी और विधान सभा द्वारा बनाई गई विधि उस विरोध की मात्रा तक शून्य होगी :

परंतु यदि विधान सभा द्वारा बनाई गई किसी ऐसी विधि को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखा गया है और उस पर उसकी अनुमति मिल गई है तो ऐसी विधि राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र में अभिभावी होगी :

परंतु यह और कि इस उपखंड की कोई बात संसद को उसी विषय के संबंध में कोई विधि, जिसके अंतर्गत ऐसी विधि है जो विधान सभा द्वारा इस प्रकार बनाई गई विधि का परिवर्धन, संशोधन, परिवर्तन या निरसन करती है, किसी भी समय अधिनियमित करने से निवारित नहीं करेगी ।

(4) जिन बातों में किसी विधि द्वारा या उसके अधीन उप-राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह अपने विवेकानुसार कार्य करे उन बातों को छोड़कर, उप-राज्यपाल की, उन विषयों के संबंध में, जिनकी बाबत विधान सभा को विधि बनाने की शक्ति है, अपने कॄत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद् होगी जो विधान सभा की कुल सदस्य संख्या के दस प्रतिशत से अनधिक सदस्यों से मिलकर बनेगी,जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा :
परंतु उप-राज्यपाल और उसके मंत्रियों के बीच किसी विषय पर मतभेद की दशा में, उप-राज्यपाल उसे राष्ट्रपति को विनिश्चय के लिए निर्देशित करेगा और राष्ट्रपति द्वारा उस पर किए गए विनिश्चय के अनुसार कार्य करेगा तथा ऐसा विनिश्चय होने तक उप-राज्यपाल किसी ऐसे मामले में, जहां वह विषय , उसकी राय में, इतना आवश्यक है जिसके कारण तुरंत कार्रवाई करना उसके लिए आवश्यक है वहां, उस विषय में ऐसी कार्रवाई करने या ऐसा निदेश देने के लिए, जो वह आवश्यक समझे, सक्षम होगा ।

(5) मुख्यमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति , मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा तथा मंत्री, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपने पद धारण करेंगे ।

(6) मंत्रि-परिषद् विधान सभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी ।

(7)(क)]संसद पूर्वगामी खंडों को प्रभावी करने के लिए, या उनमें अंतर्विष्ट उपबंधों की अनुपूर्ति के लिए और उनके आनुषंगिक या पारिणामिक सभी विषयों के लिए , विधि द्वारा, उपबंध कर सकेगी ;

(ख) उपखंड (क) में निर्दिष्ट विधि को, अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए भी नहीं समझा जाएगा कि उसमें कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है ।]

(8) अनुच्छेद 239ख के उपबंध , जहां तक हो सके, राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र, उप-राज्यपाल और विधान सभा के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र, प्रशासक और उसके विधान-मंडल के संबंध में लागू होते हैं ;और उस अनुच्छेद में “अनुच्छेद 239क के खंड (1)” के प्रति निर्देश के बारे में यह समझा जाएगा कि वह, यथास्थिति , इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 239कख के प्रति निर्देश है ।


➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 239कख   (Article 239कख  )सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध -

यदि राष्ट्रपति का, उप-राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि,--
  • (क) ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र का प्रशासन अनुच्छेद 239कक या या उस अनुच्छेद के अनुसरण में बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है ;या 
  • (ख) राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के उचित प्रशासन के लिए ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, तो राष्ट्रपति , आदेश द्वारा, अनुच्छेद 239कक के किसी उपबंध के अथवा उस अनुच्छेद के अनुसरण में बनाई गई किसी विधि के सभी या किन्हीं उपबंधों के प्रवर्तन को, ऐसी अवधि के लिए और ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए , जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट की जाएं , निलंबित कर सकेगा, तथा ऐसे आनुषंगिक और पारिणामिक उपबंध कर सकेगा जो अनुच्छेद 239 और अनुच्छेद 239कक के उपबंधों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के प्रशासन के लिए उसे आवश्यक या समीचीन प्रतीत हों ।

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 239ख  (Article 239ख ) विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति -

(1) उस समय को छोड़कर जब पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र का विधान-मंडल सत्र में है, यदि किसी समय उसके प्रशासक का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी परिस्थितियां विद्यमान हैं जिनके कारण तुरंत कार्रवाई करना उसके लिए आवश्यक हो गया है तो वह ऐसे अध्यादेश प्रख्यापित कर सकेगा जो उसे उन परिस्थितियों में अपेक्षित प्रतीत हों :
  • परंतु प्रशासक, कोई ऐसा अध्यादेश राष्ट्रपति से इस निमित्त अनुदेश अभिप्राप्त करने के पश्चात् ही प्रख्यापित करेगा, अन्यथा नहीं :
  • परंतु यह और कि जब कभी उक्त विधान-मंडल का विघटन कर दिया जाता है या अनुच्छेद 239क के खंड(1) में निर्दिष्ट विधि के अधीन की गई किसी कार्रवाई के कारण उसका कार्यकरण निलंबित रहता है तब प्रशासक ऐसे विघटन या निलंबन की अवधि के दौरान कोई अध्यादेश प्रख्यापित नहीं करेगा ।
(2) राष्ट्रपति के अनुदेशों के अनुसरण में इस अनुच्छेद के अधीन प्रख्यापित अध्यादेश संघ राज्यक्षेत्र के विधानमंडल का ऐसा अधिनियम समझा जाएगा जो अनुच्छेद 239क के खंड (1) में निर्दिष्ट विधि में, उस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों का अनुपालन करने के पश्चात् सम्यक् रूप से अधिनियमित किया गया है, किंतु प्रत्येक ऐसा अध्यादेश--
  • (क) संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा और विधान-मंडल के पुनः समवेत होने से छह सप्ताह की समाप्ति पर या यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले विधान-मंडल उसके अननुमोदन का संकल्प पारित कर देता है तो संकल्प के पारित होने पर प्रवर्तन में नहीं रहेगा ;और
  • (ख) राष्ट्रपति से इस निमित्त अनुदेश अभिप्राप्त करने के पश्चात् प्रशासक द्वारा किसी भी समय वापस लिया जा सकेगा ।
(3) यदि और जहां तक इस अनुच्छेद के अधीन अध्यादेश कोई ऐसा उपबंध करता है जो संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के ऐसे अधिनियम में, जिसे अनुच्छेद 239क के खंड (1) में निर्दिष्ट विधि में इस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों का अनुपालन करने के पश्चात् बनाया गया है, अधिनियमित किए जाने पर विधिमान्य नहीं होता तो और वहां तक वह अध्यादेश शून्य होगा ।


➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 240  (Article 240 ) कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति -

(1) राष्ट्रपति --
  • (क) अंडमान और निकोबार द्वीप ;
  • (ख) लक्षद्वीप 
  • (ग) दादरा और नागर हवेली 
  • (घ) दमण और दीव 
  • (ङ) पांडिचेरी 
संघ राज्यक्षेत्र की शांति, प्रगति औरसुशासन के लिए विनियम बना सकेगा :
  • परंतु जब पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्र के लिए विधान-मंडल के रूप में कार्य करने के लिए अनुच्छेद 239क के अधीन किसी निकाय का सॄजन किया जाता है तब राष्ट्रपति विधान-मंडल के प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से उस संघ राज्यक्षेत्र की शांति,प्रगति और सुशासन के लिए विनियम नहीं बनाएगा :
  • परंतु यह और कि जब कभी 5[पांडिचेरी] संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के रूप में कार्य करने वाले निकाय का विघटन कर दिया जाता है या उस निकाय का ऐसे विधान-मंडल के रूप में कार्यकरण, अनुच्छेद 239क के खंड 
  • (1) में निर्दिष्ट विधि के अधीन की गई कार्रवाई के कारण निलंबित रहता है तब राष्ट्रपति ऐसे विघटन या निलंबन की अवधि के दौरान उस संघ राज्यक्षेत्र की शांति, प्रगति और सुशासन के लिए विनियम बना सकेगा ।
  • (2) इस प्रकार बनाया गया कोई विनियम संसद द्वारा बनाए गए किसी अधिनियम या 12[20][किसी अन्य विधि] का, जो उस संघ राज्यक्षेत्र को तत्समय लागू है, निरसन या संशोधन कर सकेगा और राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किए जाने पर उसका वही बल और प्रभाव होगा जो संसद के किसी ऐसे अधिनियम का है जो उस राज्यक्षेत्र को लागू होता है ।

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 241  (Article 241 ) संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय-

  • (1) संसद विधि द्वारा, किसी संघ राज्यक्षेत्र]के लिए उच्च न्यायालय गठित कर सकेगी या ऐसे संघ राज्यक्षेत्रटमें किसी न्यायालय को इस संविधान के सभी या किन्हीं प्रयोजनों के लिए उच्च न्यायालय घोषित कर सकेगी ।
  • (2) भाग 6 के अध्याय 5 के उपबंध , ऐसे उफांतरणों या अफवादों के अधीन रहते हुए , जो संसद विधि द्वारा उपबंधित करे, खंड (1) में निर्दिष्ट प्रत्येक उच्च न्यायालय के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे अनुच्छेद 214 में निर्दिष्ट किसी उच्च न्यायालय के संबंध में लागू होते हैं ।
  • (3) इस संविधान के उपबंधों के और इस संविधान द्वारा या इसके अधीन समुचित विधान-मंडल को प्रदत्त शक्ति यों के आधार पर बनाई गई उस विधान-मंडल की किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए , प्रत्येक उच्च न्यायालय, जो संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 के प्रारंभ से ठीक पहले किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करता था, ऐसे प्रारंभ के पश्चात् उस राज्यक्षेत्र के संबंध में उस अधिकारिता का प्रयोग करता रहेगा ।
  • (4) इस अनुच्छेद की किसी बात से किसी राज्य के उच्च न्यायालय की अधिकारिता का किसी संघ राज्यक्षेत्र या उसके भाग पर विस्तार करने या उससे अपवर्जन करने की संसद की शक्ति का अल्पीकरण नहीं होगा ।

➦ भारतीय संविधान अनुच्छेद 242  (Article 242 )

संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा निरसित ।


⏪⏪ Pre. Part (5)                                 ⏩⏩ Next Part (7)


➦ नोट - इस पेज पर आगे और भी जानकारियां अपडेट की जायेगी, उपरोक्त जानकारियों के संकलन में पर्याप्त सावधानी रखी गयी है फिर भी किसी प्रकार की त्रुटि अथवा संदेह की स्थिति में स्वयं किताबों में खोजें तथा फ़ीडबैक/कमेंट के माध्यम से हमें भी सूचित करें।


इन्हे भी पढ़े  ➦

➦ भारत का उपराष्ट्रपति | Vice President | India Vice President 
➦ भारत के राष्ट्रपति | राष्ट्रपति का चुनाव | राष्ट्रपति की शक्तियाँ | President of India
➦ भारत के नीति निर्देशक तत्व | Policy Principles of India 
➦ मौलिक अधिकार | Fundamental Rights | Indian Constitution
➦ मूल कर्तव्य | मौलिक कर्तव्य | Fundamental Duties | Fundamental Of India
➦भारतीय संविधान का इतिहास | History of Indian Constitution 
➦भारतीय संविधान का  विस्तृत अध्ययन | Indian Constitution | Indian Constitution In Hindi
➦ भारतीय संविधान के स्रोत Sources of Indian Constitution 
➦ भारत के संविधान संशोधन Constitution of India amendment
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 2) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 3) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 4) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 5) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 6) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 7) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 8) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 9) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 10) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 11) Indian Constitution Part and Article
➦भारतीय संविधान के तहत भाग एवं अनुच्छेद (Part 12) Indian Constitution Part and Article
➦ 
भारत का प्रधानमंत्री | Prime Minister Of India 
➦राज्यपाल | GOVERNOR | ELIGIBILITY Of GOVERNOR | Power Of Governor
➦सौरमंडल के ग्रह | Solar System | Planets |
➦वायुमंडल | Atmosphere | Atmosphere In Hindi |
➦पृथ्वी | पृथ्वी का इतिहास, संरचना | Earth in Hindi |
➦कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान | Computer GK | Computer Gk In Hindi
➦रेलवे सामान्य ज्ञान  GK For Railway Group D | One Liner Gk Railway
➦भारत के पड़ोसी देशों के नाम उनकी राजधानी व मुद्रा
➦भारत के पड़ोसी देशों के नाम Names of neighboring countries of India
➦प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि Prime Minister Kisan Samman Nidhi

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ