छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था, ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था In CG

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था, ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था In CG

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था


छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश कालीन शिक्षा व्यवस्था

  • सन् 1864 में रायपुर ज़ि‍ले में केवल 58 स्कूल थे. सन् 1897 तक इनकी संख्या बढ़कर 98 हो गई थी।
  • सन् 1910 में छत्तीसगढ़ में स्वतंत्र शिक्षा विभाग की स्थापना की गयी।
  • राजकुमार कॉलेज 1893 में बना।
  • सन् 1907 में अंग्रेज़ी माध्यम की सालेम कन्याशाला बनी।
  • सन् 1911 में सेंट पाल स्कूल, 1913 में लारी स्कूल और 1925 में काली बाड़ी संस्था स्थापित हुए। इसके बाद धमतरी और रायपुर में अमेरिकन मेनोनाईट संस्था बनी।
  • असहयोग आन्दोलन के दौरान रायपुर में राष्ट्रीय विद्यालय का संचालन वामनराव लाखे व्दारा किया गया।
  • सन् 1937 में मध्यप्रांत के मुख्य मंत्री N.B. खरे बने और रविशंकर शुक्ल शिक्षामंत्री बने।
  • रविशंकर शुक्ल ने विद्या मंदिर योजना प्रारंभ की।
  • सन् 1937 में छत्तीसगढ़ शिक्षण समिति का गठन रायपुर में हुआ जिसके अध्यक्ष प्यारेलाल सिंह थे।
  • सन् 1938 में छत्तीसगढ़ महाविद्यालय का निर्माण रायपुर में हुआ, जिसका प्राचार्य महासमुंद के अधिवक्ता जे. योगानंदन जी को बनाया गया. उस समय प्रांत में विश्वविद्यालय नागपुर तथा सागर में थे. लोग उच्च शिक्षा के लिए नागपुर, इलाहाबाद और बनारस जाते थे।
  • बिलासपुर में सन् 1944 में महाकौशल शिक्षण समिति ने S.B.R. (शिव भगवान रामेश्वर लाल) महाविद्यालय की स्थापना की।
  • बिलासपुर में नार्मल स्कूल और बृजेश स्कूल (सन् 1885 में चिंतन गृह के नाम से) बने।
  • बद्रीनाथ साव के मकान में राष्ट्रीय विद्यालय का संचालन पं. शिवदुलारे मिश्र ने प्रारंभ किया।



➦ नोट - इस पेज पर आगे और भी जानकारियां अपडेट की जायेगी, उपरोक्त जानकारियों के संकलन में पर्याप्त सावधानी रखी गयी है फिर भी किसी प्रकार की त्रुटि अथवा संदेह की स्थिति में स्वयं किताबों में खोजें तथा फ़ीडबैक/कमेंट के माध्यम से हमें भी सूचित करें।
 


इन्हे भी पढ़े  ➦


0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

Post a Comment (0)

और नया पुराने