मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | Rivers of Madhya Pradesh | Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya | Mp Ki Nadiya in Hindi

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मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | Rivers of Madhya Pradesh | Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya | Mp Ki Nadiya in Hindi

मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | Rivers of Madhya Pradesh  | Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya | Mp Ki Nadiya in Hindi

मध्‍यप्रदेश की प्रमुख नदियॉं 

Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya

Mp Ki Nadiya in Hindi


मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ  Rivers of Madhya Pradesh in Hindi


Rivers of Madhya Pradesh – मध्य प्रदेश को नदियों का मायका भी कहते हैं। यहां भारत की सबसे अधिक नदियाँ बहती है। इनमे नर्मदा, ताप्ती, चम्बल, सोन आदि प्रमुख है। मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ (Rivers of Madhya Pradesh) निम्नलिखित हैं:

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1. नर्मदा नदी (Narmada River in Hindi)

  • उद्गम – नर्मदा नदी मध्‍यप्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहाड़ी (मैकल श्रेणी) से निकलती है।
  • लम्बाई – नर्मदा नदी की कुल लम्बाई  1312 किमी है | तथा मध्यप्रदेश में इसकी लम्बाई 1077 किमी है।|
  • अवसान – नर्मदी नदी (Narmada River) भड़ूच (गुजरात) के पास खम्भात की खाड़ी (अरब सागर) में गिर जाती है।|
  • अन्य नाम – मेकलसुता ,रेवा, कावेरी (ओम्कारेश्वर में), शिवपुत्री, सामोदेवी, सोमप्रभा, नामोदासा आदि नाम से  नर्मदी नदी को जाना जाता है।
  • जल प्रवाह - इस नदी का जल प्रवाह 93,180 किलोमीटर है | Narmada के बेसिन का हिस्सा मध्यप्रदेश में 89 .9% महाराष्ट्र में 2.7% और 8.5% गुजरात में है।
  • नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के 15 जिलो से होकर बहती है।
  • नर्मदा नदी (Narmada Nadi) को नामदासो नाम टॉलमी द्वारा दिया गया है।
  • नर्मदा नदी को भारत की ह्रदय रेखा भी कहा जाता है | यह मध्‍यप्रदेश की जीवन-रेखा है तथा साथ ही इसे गुजरात की भी जीवन-रेखा भी कहा जाता है।
  • यह मध्यप्रदेश की प्रथम नदी है, जिसे जीवित नदी का दर्जा 2017 में दिया गया था।
  • नर्मदा नदी अरब सागर में गिरती हुई एस्चुरी (ज्वारनदमुख) बनाती है। 
  • की प्रमुख सहायक नदियाँ है - बंजर, दूधी, शक्कर, तवा, शेर, बरनार, हिरन, बरना, मान, देनवा, तिन्दौली इत्यादि।
  • नर्मदा नदी भारत के उत्तर और दक्षिण क्षेत्र के मध्य एक विभाजक रेखा के रूप में बहती है।
  • मध्य प्रदेश में पश्चिम दिशा की ओर बहने वाली नदियों में नर्मदा व ताप्ती नदियां मुख्य हैं।
  • नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी है तथा भारत की पांचवें नम्बर की बड़ी नदी है।
  • नर्मदा नदी डेल्टा नहीं बनाती यह एस्चुरी का बनाती हैं।
  • नर्मदा नदी तीन राज्यों में बहते हुए -(मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात) अरब सागर में खंभात की खाड़ी में समाहित हो जाती है।
  • नर्मदा नदी की 41 सहायक नदियाँ हैं जिसमें प्रमुख है - तवा, हिरण, शक्कर, दूधी, करजन, शेर, बनास, मान इत्यादि।
  • नर्मदा नदी के तटीय शहर - अमरकंटक, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, निमाड, मंडला, ओमकारेश्वर, महेश्वर,बडवानी, झाबुआ, धार,बडवाह, सांडिया इत्यादि।
  • नर्मदा नदी पर निर्मित बांध (Dam On Narmada River) - इंदिरा सागर (खंडवा), सरदार सरोवर (नवेगाव, गुजरात), महेश्वर परियोजना (महेश्वर) बरगी परियोजना (बरगी,जबलपुर), ओमकरेश्वर परियोजना।
  • नर्मदा नदी द्वारा निर्मित जलप्रपात (Waterfall On Narmada River) - कपिल धारा एवं दुग्ध धारा जलप्रपात (अनूपपूर),धुआंधार जलप्रपात (भेड़ाघाट, जबलपुर), सहस्रधारा जलप्रपात (महेश्वर, खरगोन), दर्दी जलप्रपात (बड़वाह), मांधाता जलप्रपात (बड़वाह)।
  • नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण का गठन 1980 में हुआ था।


2. चम्बल नदी (Chambal River in Hindi)

  • उद्गम – चंबल नदी महू (जिला-इंदौर) के जनापाव पहाड़ी के वांग्चु point से निकलती है।
  • लम्बाई – कुल 965 किमी (मध्‍यप्रदेश में चंबल नदी की लम्बाई 325 किमी है)
  • अवसान – चंबल नदी (Chambal River)इटावा उत्‍तरप्रदेश के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
  • अन्य नाम – इसे चर्मावती, धर्मावती, कामधेनु आदि नामो से जाना जाता है।
  • चंबल यमुना नदी की सहायक नदी है।
  •  Chambal River एक अध्यारोपित नदी (Superimposed River) है | यह अपने मार्ग में उत्खात भूमि का निर्माण करती है , जिसे चम्बल खड्ड (बीहड़, Ravine of Chambal River) कहते है।
  • चंबल नदी नर्मदा नदी के बाद मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नदी है।
  • चम्बल और यमुना मिलकर लश्कर के मैदान की सीमा बनती हैं।
  • चंबल नदी को पश्चिम मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। 
  • यह नदी मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच सीमा निर्धारण करती है यह मप्र मे दो बार प्रवेश करती है।
  • चंबल नदी मध्‍यप्रदेश के अलावा राजस्थान और उत्‍तरप्रदेश में बहती है।
  • चंबल नदी मध्‍यप्रदेश के उज्जैन, श्योपुर, भिंड, मुरैना आदि जिलो में बहती है।
  • चम्बल नदी की सहायक नदी – काली सिंध, क्षिप्रा ,पार्वती, कूनो आदि।
  • चंबल नदी (Chambal Nadi) अपने किनारों पर बड़े बड़े खड्डों का निर्माण करती है। यह नदी के जल द्वारा अवनालिका अपरदन के कारण होता है।
  • मेघदूत में कालिदास ने चर्मावती चंबल नदी का उल्लेख किया है। 
  • मध्यप्रदेश में यह महू, धार, रतलाम, शिवपुरी, भिंड मुरैना तथा मंदसौर के समीप से बहती है।
  • Chambal River की सहायक नदियाँ - कालीसिंध, पार्वती, बनारस और पुनासा है।
  • चंबल नदी भिंड मुरैना के क्षेत्रों में खड्डों एवं बीहड़ों का निर्माण करती है। 
  • चंबल नदी द्वारा निर्मित जलप्रपात – (waterfall on chambal river) चूलिया जलप्रपात, पातालपानी जलप्रपात, झाड़ीदाहा जलप्रपात, राहतगढ़ जलप्रपात है।
  •  चंबल नदी पर निर्मित बांध (dam on chambal river) - गांधी सागर बांध (मंदसौर), राणा प्रताप सागर बांध (चित्तौड़गढ़ राजस्थान), जवाहर सागर बांध (कोटा, राजस्थान)


3. सोन नदी (Son River in Hindi) 


  • उद्गम – सोन नदी मध्‍यप्रदेश के अनूपपुर जिले की अमरकंटक पहाड़ी से निकलती है।
  • लम्बाई – सोन नदी की कुल लंबाई 780 किमी तथा मध्‍यप्रदेश में इसकी लम्बाई 509 किमी है।
  • अवसान – सोन नदी (son River) बिहार में आरा के समीप रामपुर में गंगा नदी में मिल जाती है।
  • अन्य नाम – नन्द, सुवर्ण, हिरण्यवाह, सोआ, सुवर्णवती, सभागधि आदि।
  • यह गंगा की प्रमुख सहायक नदी है। गंगा के दाहिने तट से मिलने वाली सबसे बड़ी नदी सोन नदी है।
  • सोन नदी कैमूर श्रेणी और छोटा नागपुर पठार के मध्य सीमा बनाती है।
  •  इसमें दुर्लभ प्रजाति के कछुए निवास करते है। 
  • सोना नदी को टॉलमी ने सोआ नाम दिया था।
  • सोन नदी की सहायक नदियाँ – घग्घर , गोपद , जोहिला , रिहंद आदि प्रमुख सहायक नदी हैं।
  • सोन नदी को स्वर्ण नदी भी कहा जाता है। 
  • इसकी सहायक नदियाँ – जोहिला, रिहन्‍द, कुनहड आदि
  • सोन नदी पर बाणसागर परियोजना (Ban Sagar Pariyojna) निर्मित है जो शहडोल जिले के देवलोंद पर स्थित है।
  • वाल्मीकि रामायण में सोन नदी का वर्णन सुभागधी नाम से किया गया है।

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4. ताप्ती नदी (Tapti River in Hindi)

  • उद्गम – ताप्‍ती नदी मध्‍यप्रदेश के बैतूल जिले की काली सिंध पहाड़ी (सतपुड़ा श्रेणी) की चोटी मुलताई से निकलती है। 
  • लम्बाई – ताप्‍ती नदी की कुल लंबाई 724 किमी तथा मध्‍यप्रदेश इसकी लम्बाई 279 किमी है।
  • अवसान – ताप्‍ती नदी (Tapti River) सूरत के निकट खम्भात की खाड़ी (अरब सागर) में गिरती है।
  • अन्य नाम – सूर्यपुत्री, तापी, सूरसुता, पयोष्नी।
  • ताप्‍ती नदी मध्‍यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र और गुजरात में बहती है।
  • यह मध्‍यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच प्राकृतिक सीमा बनती है।
  • यह नर्मदा नदी के समान्तर भ्रंश घाटी में बहती है। 
  • ताप्ती नदी नर्मदा नदी की तरह ज्वारनदमुख (एस्चुरी) बनाती है।
  • ताप्ती नदी की सहायक नदियाँ – गोपद , पूर्णा , अनेर , कालीभीत , उतावली आदि है।
  • महाभारत में ताप्ती नदी को भगवान सूर्य की पुत्री बताया गया है। (
  • ताप्ती नदी नर्मदा नदी के समानांतर पूर्व से पश्चिम ओर बहती है, एव डेल्टा न बनाकर एस्चुरी बनाती है।
  • ताप्ती नदी पर मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना - अपर ताप्ती, लोअर ताप्ती।


5. बेतवा नदी (Betwa River in Hindi)

  • उद्गम – बेतवा नदी मध्‍यप्रदेश के रायसेन जिले के कुमरागाँव से निकलती है। 
  • लम्बाई – बेतवा नदी की कुल लंबाई 480 किमी तथा मध्‍यप्रदेश इसकी लंबाई 380 किमी है।
  • अवसान – बेतवा नदी (Betwa Riwar) उत्‍तरप्रदेश के हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है।
  • अन्य नाम – बेत्रवती, शिव की बेटी आदि नाम से Betwa Nadi को जाना जाता है।
  • बेतवा नदी यमुना की सहायक नदी है।
  • बेतवा नदी को ‘मध्‍यप्रदेश की गंगा’ कहा जाता है। 
  • बेतवा नदी बुंदेलखंड के पठार की प्रमुख नदी है अतः इसे बुंदेलखंड की जीवन रेखा कहा जाता है।
  • देवगढ़ बेतवा नदी के किनारे बसा है, जिसे बेतवा का आइसलैंड (Iceland of Betwa River) कहा जाता है।
  •  बेतवा नदी मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश के मध्य प्राक्रतिक सीमा बनाती है।
  • बेतवा नदी के किनारे बसे शहरो में विदिशा, सांची, ओरछा, गुना है। 
  •  बेतवा नदी की सहायक नदियां - बीना, केन, धसान, सिंध, देनवा, कालीभिति तथा मालिनी इत्यादि।
  • बेतवा नदी को वेत्रवती के नाम से भी जाना जाता है। 
  • बेतवा नदी पर राजघाट बांध तथा माताटीला बांध बने हुए है जो मध्‍यप्रदेश एवं उत्‍तरप्रदेश की संयुक्त सिंचाई परियोजना है।
  • इन सिंचाई परियोजना द्वारा भांडेर, दतिया, भिंड तथा ग्वालियर आदि जिले लाभान्वित हुए हैं।


6. क्षिप्रा नदी (Shipra River in Hindi)


  • उद्गम – क्षिप्रा नदी मध्‍यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के निकट काकरीबरड़ी के समीप वानेश्वर कुंड से निकलती है। 
  • लम्बाई – क्षिप्रा की कुल लंबाई 195 किमी है।
  • अवसान – क्षिप्रा नदी (Shipra River) राजस्‍थान के कोटा के निकट चम्बल में मिल जाती है।
  • अन्य नाम – सोमवती , पापहरिणी , अवन्ती आदि क्षिप्रा नदी के अन्य नाम है।
  • क्षिप्रा नदी चम्बल नदी की सहायक नदी है। 
  • क्षिप्रा नदी (Shipra River) को ‘मालवा की गंगा’ कहा जाता है।
  •  Shipra Nadi रतलाम, उज्जैन, मंदसौर जिलो में प्रवाहित होती है। 
  • क्षिप्रा नदी (Shipra Nadi) के तट पर बसे महाकाल नगरी उज्जैन में प्रत्येक 12 वर्ष में कुम्भ मेला (सिंहस्थ) लगता है।
  • क्षिप्रा नदी की सहायक नदी – खान, गंभीर आदि। 
  • Shipra River के किनारे उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है।


7. केन नदी (Ken River in Hindi)


  • उद्गम – केन नदी कटनी जिले की रीठी तहसील के निकट कैमूर पहाड़ी से निकलती है। 
  • लम्बाई – केन नदी (Ken River) की कुल लंबाई 427 किमी है।
  • अवसान – केन नदी उत्‍तरप्रदेश के बाँदा जिले में चिला गाँव के समीप भोजहा नामक स्थान पर यमुना नदी में मिलती है।
  • अन्य नाम – शुक्तिमती , कर्णवती ,कैनास आदि केन नदी- के अन्य नाम है। 
  •  Ken River यमुना नदी की सहयक नदी है।
  • यह पन्ना , कटनी , छतरपुर आदि जिलो में बहती है।
  • Ken Nadi की सहायक नदियॉं – सोनार, वीरमा, पाटर, बाना, उर्मिल आदि है।
  • केन नदी पर पॉंडवा घाट तथा कोराई नामक दो जलप्रपात भी स्थित है। 



8. सिंध नदी (Sindh River in Hindi)


  •  उद्गम – सिंध नदी मध्‍यप्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज तहसील से निकलती है। 
  •  लम्बाई – सिंध नदी की कुल लंबाई 470 किमी है।
  •  अवसान – सिंध नदी (Sindh River) उत्‍तरप्रदेश के इटावा के समीप यमुना नदी में मिलती है।
  • सिंध नदी यमुना नदी की सहायक नदी है। 
  •  Sindh River गुना जिले को दो बराबर भाग में विभाजित करती है।
  •  सिंध नदी की सहायक नदी - नन, माहुर, कुंद आदि है। 
  • Sindh Nadi शिवपुरी, दतिया, विदिशा आदि जिलों में बहती है।


9. काली सिंध (Kali Sindh River in Hindi)

  • उद्गम – काली सिंध नदी मध्‍यप्रदेश के देवास जिले के बागली गाँव के अमोदिया से निकलती है। 
  • लम्बाई – काली सिंध नदी की कुल लंबाई 150 किमी है। 
  • अवसान – काली सिंध नदी (Kali Sindh River) राजस्‍थान के नौनेरा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
  • काली सिंध नदी चम्बल की सहायक नदी है। 
  •  Kali Sindh River शाजपुर एवं राजगढ़ जिलों में बहती हुई राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
  • काली सिंध नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर देवास, शाजापुर, राजगढ़, झालावाड़, कोटा, माधोपुर आदि है।
  •  काली सिंध नदी की सहायक नदियॉं – आहू, परवन, सांगोद, लखुन्‍दर, निवाज आदि है। 


10. टोंस नदी (Tons River in Hindi)

  • उद्गम – टोंस नदी मध्‍यप्रदेश के सतना जिले के मैहर (कैमूर पहाड़ी) से निकलती है।
  •  लम्बाई – टोंस नदी की कुल लंबाई 320 किमी है। 
  •  अवसान – टोंस नदी (Tons River) उत्‍तरप्रदेश में इलाहाबाद के निकट सिरसा में गंगा नदी से मिल जाती है।|
  • अन्य नाम – टोंस नदी को एक ओर अन्‍य नाम ‘तमसा नदी’ के नाम से भी जाना जाता है। 
  •  टोंस नदी गंगा नदी की सहायक नदी है। 
  •  टोंस नदी (Tons Nadi) का उल्‍लेख रामायण काल में वाल्मीकि रामायण में मिलता है, जो अयोध्या के निकट बहती थी।

11. शक्कर नदी (Shakkar River in Hindi)

  • उद्गम – शक्‍कर नदी मध्‍यप्रदेश के छिंदवाडा जिले की अमरवाड़ा तहसील के समीप सतपुड़ा श्रेणी से निकलती है। 
  • अवसान – शक्‍कर नदी (Shakkar River) नरसिंहपुर जिले में नर्मदा में मिल जाती है।
  • शक्‍कर नदी, नर्मदा नदी की सहायक नदी है। 
  • नर्मदा नदी और शक्कर नदी (Shakkar Nadi) के संगम पर संगनेश्वर मंदिर बना हुआ है।
  •  हरद नदी एवं शक्कर नदी के संगम पर, महाशिवरात्रि के अवसर पर कोटरा महादेव का मेला लगता है।


12. तवा नदी (Tawa River in Hindi)

  • उद्गम – तवा नदी मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद जिले की कालीभीत पहाड़ी (महादेव श्रेणी) से निकलती है। 
  • कुल लम्बाई – तवा नदी की कुल लंबाई 172 किमी है। 
  • अवसान – तवा नदी Tawa River होशंगाबाद के निकट बन्द्रामान में नर्मदा नदी में मिल जाती है।
  • यह नदी नर्मदा नदी की सबसे लम्बी सहायक नदी है।
  • तवा नदी की सहायक नदी मालिनी देनवा है।
  • तवा नदी पर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा सड़क पुल है। 
  •  मध्य प्रदेश का सबसे लम्बा 'तवा बॉंध' तवा नदी (1322 मीटर होशंगाबाद जिले में) पर स्थित है।
  • तवा नदी पर स्थित तवा जलाशय मध्य भारत का एक बड़ा जलाशय है। 
  • पर्यटकों को बांध और जलाशय के लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक क्रूज नाव सेवा शुरू की गई है।

13. वेनगंगा नदी (Wainganga River in Hindi)


  • उद्गम – वेनगंगा नदी मध्‍यप्रदेश के सिवनी जिले की मुन्डारा गाँव (परसवाड़ा पठार) से निकलती है। 
  • लम्बाई – वेनगंगा नदी की कुल लंबाई 570 किमी है।
  • अवसान – बेनगंगा नदी (Wainganga River) महाराष्ट्र में वर्धा नदी में मिल जाती है।
  • अन्य नाम – वैन्या, दिदि आदि वेनगंगा नदी के अन्‍य नाम है।
  • इस नदी बेसिन का विस्तार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में है।
  • वेनगंगा नदी गोदावरी नदी की सहायक नदी है।
  • वेनगंगा नदी (Wainganga Nadi)सिवनी और बालाघाट जिले में बहती है अत: इसे सिवनी जिले की जीवन रेखा कहा जाता है।
  • वेनगंगा नदी महाराष्ट्र के भंडारा जिले में वर्धा नदी से मिलती है, इन दोनों के मिलन को ‘प्राणहिता’ कहा जाता है वैनगंगा + वर्धा = प्राणहिता 
  • वेनगंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा मिटटी का बांध है, इसे भीमगढ़ (संजय सरोवर) बाँध कहा जाता है। यह सिवनी जिले में है।
  • बैनगंगा दक्षिण मध्य प्रदेश की ओर बहने वाली एकमात्र नदी है।
  • वैनगंगा की सहायक नदियाँ – थांवर, कठानी, हिर्री, चंदन, बवांथाडी, कन्हन आदि।
  • बेनगंगा नदी (Waingangar River) पर अपर बेनगंगा, संजय सरोवर परियोजना है जो बालाघाट सिवनी में है।

14. वर्धा नदी (Wardha River in Hindi)

  • उद्गम – वर्धा नदी मध्‍यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई से निकलती है।
  •  लम्बाई – वर्धा नदी की कुल लंबाई 525 किमी है।
  • अवसान – वर्धा नदी महाराष्ट्र में बैनगंगा में मिल जाती है।
  • सहायक नदियाँ – हिर्री , जाम आदि। 
  • वर्धा नदी (Wardha Nadi) गोदावरी नदी की सहायक नदी है।
  • भूदान आंदोलन के समय विनोबा भावे का आगमन वर्धा नदी के तट पर हुआ था। 
  • कपिल मुनी ने भी यहां तपस्या की थी। बताया जाता है कि वर देने की वजह से नदी का नाम वरदा था जो कालांतर में अपभ्रंश होकर वर्धा नदी हो गया है।

15. पेंच नदी (Pench River in Hindi)


  • उद्गम – पेंच नदी मध्‍यप्रदेश के छिंदवाडा जिले से निकलती है। 
  • लम्बाई – पेंच नदी की कुल लंबाई 274 किमी तथा मध्‍यप्रदेश में इसकी लंबाई 206 किमी है।
  • अवसान – पेंच नदी (Pench River) महाराष्‍ट्र के नागपुर में कान्हन नदी में मिल जाती है।
  • पेंच नदी सिवनी जिले में स्थित पेंच राष्‍ट्रीय उद्यान के बीच से बहकर निकलती है।
  • पेंच नदी (Pench Nadi) कान्हन नदी की सहायक नदी है। 
  • कन्हान, पेंच तथा बावनथडी वैनगंगा नदी की सहायक नदी है।
  • पेंच नदी पर दो प्रमुख बॉंध माचागोरा बॉंध व तोतलाडोह बॉंध निर्मित है।


16. माही नदी (Mahi River in Hindi)

  • उद्गम – माही नदी मध्‍यप्रदेश के धार जिले की सरदारपुर तहसील के मिन्‍डा गॉंव से निकलती है। 
  • लम्बाई – माही नदी की कुल लंबाई 576 किमी है।
  • अवसान – माही नदी (Mahi River) गुजरात में खम्भात की खाड़ी (अरब सागर) में गिरती है। 
  • अन्य नाम – माही नदी का प्राचीन नाम महति है | इसे पृथ्वी की पुत्री कहा जाता है।
  • इस नदी की मध्य प्रदेश में लम्बाई 158 किलो मीटर है, राजस्थान में इसकी लम्बाई 171 किलो मीटर है और गुजरात में इसकी लम्बाई 247 किलो मीटर है, इस प्रकार इसकी कुल लम्बाई 576 किलो मीटर है
  • माही नदी (Mahi Nadi) भारत की एकमात्र नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। 
  • माही नदी पर राजस्‍थान के बांसवाड़ा जिले में 'माही बजाज सागर बॉंध' बनाया गया है।
  • माही नदी भारत के तीन राज्‍यों मध्‍यप्रेदश, राजस्‍थान व गुजरात में बहती है।
  • सहायक नदियाँ – इरु, नोरी, चैप, सोम, जाखम, मोरन, अनस आदि। 

17. जोहिला नदी (Johila River in Hindi)

  • उद्गम – जोहिला नदी मध्‍यप्रदेश के अमरकंटक के दक्षिण पश्चिमी छोर से निकलती है। 
  • इस नदी का वास्तविक उद्गम स्थल अमरकंटक से 10 किलो मीटर दूर स्थित ज्वालेश्वर में है।
  • जोहिला नदी (Johila Nadi) सोन की सहायक नदी है।
  • जोहिला नदी शहडोल और उमरिया जिले में बहती है।
  • यह नदी ज्वालेश्वर की पहाडियों से निकलकर उमरिया जिले के केल्हारी गाँव में सोन नदी में मिल जाती है।
  •  जोहिला नदी पर उमरिया जिले में विशाल जोहिला बांध बनाकर संजय गांधी सुपर थर्मल पावर बिरसिंहपुर की स्थापना की गई है ।

18. पार्वती नदी (Parvati River in Hindi)

  • उद्गम – पार्वती नदी मध्‍यप्रदेश के सीहोर जिले के विंध्यपर्वत से निकलती है। 
  •  समापन – पार्वती नदी (Parvati River) गुना में चंबल नदी में मिल जाती है।
  • पार्वती नदी का उल्लेख महाभारत, भीष्मपर्व में भी है।
  •  पार्वती नदी जो कि मध्‍यप्रदेश में बहती है इसे पारा नाम से भी जाना जाता है। 
  •  पार्वती नदी (Parvati Nadi) किनारे बसे शहरों में आष्टा, राजगढ़, शाजापुर आते हैं। 
  • पार्वती नदी चंबल नदी की सहायक नदी है।
  • इसकी सहायक नदियों में ल्‍हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैंथली आदि प्रमुख हैं। 

19. कुँवारी नदी (Kuwari River in Hindi)

  • उद्गम – कुँवारी नदी मध्‍यप्रदेश के शिवपुरी पठार से निकलती है। 
  • अवसान – कुँवारी नदी (Kuwari River) भिंड जिले की लहार तहसील में सिंध नदी में मिल जाती है।
  • कुँवारी नदी (Kuwari Nadi) चंबल नदी के समानांतर बहती रहती है।
  • कुँवारी नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर विजयपुर और कैलारस है। 

20. कुनो नदी (Kuno River in Hindi)

  • उद्गम – कुनो नदी मध्‍यप्रदेश के शिवपुरी के पठार से निकलती है। 
  • लम्बाई – कुनो नदी की कुल लंबाई 180 किमी है।
  • अवसान – कुनो नदी (Kuno River) चम्बल नदी में मिल जाती है।

21. गार नदी (Gar River in Hindi)

  • उद्गम – गार नदी मध्‍यप्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन नामक स्थान से निकलती है।
  • अवसान – गार नदी (Gar River) कोयले की संकरी घाटी में बहती हुई यह उत्तर की ओर नर्मदा नदी में मिल जाती है।

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22. छोटी तवा नदी (Choti tawa River in Hindi)

  • उद्गम – छोटी तवा नदी मध्‍यप्रदेश के बैतुल जिले में आवना व सुक्ता नदियों से मिलकर बनती है। 
  • अवसान – छोटी तवा नदी (Choti tawa Rivar) बुरहानपुर होते हुए खंडवा के उत्तर में आवना से मिल जाती है। 


23. कान्हन नदी (Kanhan River in Hindi)

  • उद्गम – कान्‍हन नदी मध्‍यप्रदेश के छिदवाड़ा जिलें से निकलती है। 
  • कान्‍हन नदी (Kanhan nadi) वेनगंगा की सहयक नदी है। 
  • कान्‍हन नदी महाराष्‍ट्र में नागपुर के भण्‍डारा शहर के करीब वैनगंगा नदी में मिल जाती है।
  • इस नदी को तुअर दाल और कपास उगाने के लिए उत्पादक रूप से उपयोग किया जाता है।

22. धसान नदी (Dhasan River in Hindi)

  • उद्गम – धसान नदी मध्‍यप्रदेश के रायसेन जिले से निकलती है
  • अवसान – धसान नदी मध्य भारत में बहने वाली बेतवा की सहायक नदी है।
  • धसान नदी उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के साथ मध्य प्रदेश की सीमा का निर्धारण करती है।

मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | Rivers of Madhya Pradesh  | Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya | Mp Ki Nadiya in Hindi

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